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रेडियोग्राफिक टेस्टिंग (RT) क्या होती है?

1.        औद्योगिक रेडियोग्राफी का सिद्धांत (Principle of Industrial Radiography):

 यह इस सिद्धांत पर आधारित है कि किसी वस्तु से गुजरने पर विकिरण (radiation) का कुछ हिस्सा उस वस्तु के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है और कुछ बिखर जाता है। यदि किसी वस्तु की मोटाई या घनत्व (density) में किसी कारण से भिन्नता है तो विकरण उस वस्तु में से कहीं कम तो कहीं ज्यादा गुजरेगा और radiographic film के संपर्क में भी उसी मात्रा में आएगा। इस प्रकार विकिरण फिल्म को expose कर देगा इस exposed फिल्म को develop करने के बाद हम जांच करते हैं की test object में क्या डिफेक्ट है जहां कम विकिरण radiographic film फिल्म के सम्पर्क में आएगा वहां फिल्म सफेद/ग्रे रंग की होगी और जहां फिल्म विकिरण के संपर्क में ज्यादा आएगी वहां फिल्म काली दिखाई देगी

 विकिरण का स्रोत एक्स-रे, गामा किरणें, न्यूट्रॉन, प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं।

   

 

Radiographic Film of a Weld Joint

2.       रेडियोग्राफ़ का वर्गीकरण :

औद्योगिक रेडियोग्राफी को "एक्स-रे रेडियोग्राफी" और "गामा रेडियोग्राफी" में उप-विभाजित किया जाता है, जो उपयोग किए गए विकिरण के स्रोत पर निर्भर करता है। हम X-ray रेडियोग्राफी और Gamma रेडियोग्राफी दोनों को इस्तेमाल करते हैं

(a)   गामा रेडियोग्राफी (Gamma radiography): गामा किरणें रेडियोआइसोटोप द्वारा निर्मित होती हैं। रेडियो आइसोटोप में एक अस्थिर नाभिक होता है जिसमें नाभिक को एक साथ रखने के लिए पर्याप्त बाध्यकारी ऊर्जा नहीं होती है। तो परमाणु नाभिक के स्वतःस्फूर्त टूटने के परिणामस्वरूप ऊर्जा और पदार्थ का उत्सर्जन होता है जिसे रेडियोधर्मी क्षय के रूप में जाना जाता है। गामा रेडियोग्राफी के उपकरण कम भारी होते हैं। उन्हें आसानी से कार्य स्थल पर ले जाया जा सकता है। यह गामा रेडियोग्राफी का मुख्य लाभ है।

(b)   एक्स-रे रेडियोग्राफी (X-ray radiography): एनोड और कैथोड नामक दो इलेक्ट्रोड के बीच एक बहुत ही उच्च वोल्टेज स्थापित करके एक्स-रे का उत्पादन किया जाता है। एनोड और कैथोड को एक वैक्यूम ट्यूब के अंदर स्थित होते हैं जो  एक धातु के आवास के अन्दर  संरक्षित होते हैं गामा किरणों के विपरीत, एक्स-रे विकिरणों का निर्माण एक जनरेटर सिस्टम द्वारा होता है जनरेटर सिस्टम में आमतौर पर एक एक्स-रे ट्यूब हेड, एक उच्च वोल्टेज जनरेटर और एक control panel शामिल होता है। यह सब सिस्टम को भारी बनाता है। यही एक्स-रे रेडियोग्राफी का नुकसान है। छोटे parts और weld joints के मामले में एक्स-रे रेडियोग्राफी का पूरा उपयोग होता है

 

3.         रेडियोग्राफिक उपकरण और सामग्री -

 (a)   स्रोत: 

IR (Iridium) -192 : रेडियोग्राफिक परीक्षण में स्रोत के रूप में Ir-192 का प्रयोग किया जाता है। इरिडियम-192 का आधा जीवन काल 74 दिनों का होता है। इस प्रकार स्रोत का विकिरण के उत्सर्जन द्वारा लगातार क्षय होता रहता है और प्रत्येक 74 दिनों के बाद स्रोत की शक्ति आधी हो जाती है अर्थात स्रोत द्वारा उत्सर्जित विकिरण की तीव्रता लगातार घटती जाती है। विकिरण को क्यूरी (Curie) में मापा जाता है। Ir-192 की रिफिल के लिए रेडियोग्राफिक कैमरा BARC को भेजा जाता है। रेडियोग्राफिक स्रोत का सक्रियण केवल उच्च सुरक्षा के तहत बहुत सावधानी के साथ BARC में किया जाता है। Ir-192 गामा किरणों का उत्सर्जन करता है  और pipe या plate की 70mm मोटाई तक की रेडियोग्राफी की जा सकती है। 

Cobalt-60 : कोबाल्ट-60 का उपयोग भी रेडियोग्राफिक स्रोत के रूप में किया जाता है। कोबाल्ट -60 कृत्रिम रूप से निर्मित होता है। जब Ir-192 का विकिरण उच्च मोटाई में प्रवेश करने में विफल रहता है, तो कोबाल्ट -60 हमें रेडियोग्राफी करने में मदद करता है। कोबाल्ट-60 का आधा जीवन काल 5.3 साल का होता है जो IR-192 की तुलना में बहुत अधिक होता है। कोबाल्ट -60 से 70mm से 200mm मोटाई तक रेडियोग्राफी की जा सकती है। इस स्रोत से निकलने वाला विकिरण बहुत नुकसानदेह होता है इसलिए बहुत सी सावधानियों की आवश्यकता होती है।

          औद्योगिक रेडियोग्राफी में प्रयुक्त रेडियोग्राफिक सामग्री:-

 (b)   Films:

           औद्योगिक रेडियोग्राफी में सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले और सबसे पुराने इमेजिंग माध्यमों में से एक रेडियोग्राफिक फिल्म है। यह फिल्म पॉलिएस्टर की बनी होती है तथा उस पर AgBr (सिल्वर ब्रोमाइड) की coating चढ़ी हुई होती है। AgBr (सिल्वर ब्रोमाइड)  की कोटिंग पर जिलेटिन की एक परत का उपयोग किया जाता है। फिल्म पर चढ़ा हुआ AgBr (सिल्वर ब्रोमाइड) जब एक बार विकिरण के संपर्क में जाता है तो एक अंधेरे कमरे में इस फिल्म को विकसित (develop)  कर लिया जाता है। Develop  करने के बाद सिल्वर ब्रोमाइड काली धात्विक चांदी में बदल जाता है जो फिल्म पर एक छवि बनाता है। फिल्म को direct light से संरक्षित किया जाता है

 


(c)    Liquid/chemicals used for film developing: 

फिल्म को develop करने के लिए निम्नलिखित liquid/chemicals  इस्तेमाल किये जाते हैं

i.             alkali (developer)

ii.           acetic acid+H2O (stopper)

iii.         Fixer

iv.          बहता हुआ पानी

v.            Wetting agent/शैम्पू 

4.         रेडियोग्राफी तकनीक (Radiography Techniques):-

उद्योग में आवश्यकता के अनुसार विभिन्न प्रकार की रेडियोग्राफी तकनीक का प्रयोग किया जाता है। कुछ तकनीकें इस प्रकार हैं:

(a)           Single wall Radiographic Technique-panoramic :

एकल दीवार तकनीक में, विकिरण वेल्ड (सामग्री) की केवल एक दीवार से होकर गुजरता है।


Single Wall RT Technique

इस तकनीक का उपयोग बड़े व्यास के पाइपों के लिए किया जाता है जहां पाइप के अन्दर सुरक्षित पहुंच होती है। इस तकनीक के लिए कम से कम तीन पेनेट्रामीटर 120 डिग्री को सोर्स साइड पर रखा जाएगा। इसमें रेडियोग्राफी फिल्म पर एक ही छवि दिखाई देती है।

(b)               Double wall Radiographic Technique-

इस प्रकार की तकनीक आमतौर पर पाइपिंग की रेडियोग्राफी के लिए उपयोग की जाती है जब सिंगल वॉल तकनीक व्यावहारिक नहीं होती है।

                     (i)    Single-wall viewing:

इस तकनीक का उपयोग किया जाता है जिसमें विकिरण दो दीवारों से होकर गुजरता है और रेडियोग्राफ की स्वीकृति के लिए फिल्म-साइड की दीवार पर केवल वेल्ड को देखा जाता है। वेल्ड परिधि के पूर्ण कवरेज के लिए एक दूसरे के लिए 120 डिग्री पर कम से कम तीन एक्सपोजर की आवश्यकता होती है। वेल्ड की निरंतरता को प्रदर्शित करने के लिए दोनों तरफ 20 मिमी की एक फिल्म ओवरलैप प्रदान की जाती है।


Double Wall RT Technique with Single Wall Viewing


   (ii)               Double-wall viewing:

 यह 3.5 '' बाहरी व्यास से कम या उसके बराबर पाइपों पर लागू होता है। इस तकनीक में विकिरण दो दीवारों से होकर गुजरता है और दोनों दीवारों में वेल्ड को स्वीकृति के लिए देखा जाता है।