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Eddy Current Testing क्या होती है?

    

Eddy Current testing (ET) एक प्रकार की Non destructive Testing (NDT) है। Eddy Current testing (ET) से करंट के सुचालक मैटेरियल्स में नीचे लिखी हुई testing कर सकते हैं।

(a)    मटेरियल के ग्रेड की पहचान कर सकते हैं।

(b)   मटेरियल के  surface और sub-surface,  defects  की पहचान कर सकते हैं।

(c)    किसी भी magnetic और non-magnetic  मटेरियल का परीक्षण किया जा सकता है जो विधुत का सुचालक हो।

(d)   कुछ मटेरियल में Heat Treatment  की कंडीशन का पता लगा सकते हैं।

(e)   मेटल की मोटाई का पता लगा सकते हैं।

(f)     विधुत की कुचालक coatings (non conductive coatings) की मोटाई का पता लगाया जा सकता है, जो विधुत के सुचालक मेटल्स (conductive metals) पर की गई हो

  

Eddy Ccurrent Testing (ET) का सिद्धांत:
 इस टेस्टिंग  का सिद्धांत Eelectromagnetic Induction पर आधारित है। जब एक coil जिस में से AC करंट गुजर रहा हो को विद्युत् के सुचालक  (conductive) मेटल के work piece के पास लाया जाता है तो work piece में Eddy करंट Electromagnetic Induction के कारण पैदा होता है। पैदा होने वाले करंट की मात्रा बहुत सारे घटकों पर निर्धारित है जिन्हें हम बाद में पढ़ेंगे।

 


   
Eddy Ccurrent Testing की testing probe में कॉपर की coil होती है। जब testing probe की coil में से AC करंट गुजारते हैं तो यह probe अपने आस-पास एक खास दिशा में चुम्बकीय क्षेत्र (magnetic field) पैदा करती है। अब, जब probe को work piece के पास लाया जाता है तो probe का चुम्बकीय क्षेत्र work piece में Eddy करंट पैदा कर देता है
Work piece में पैदा होने वाले Eddy करंट का भी अपना एक चुम्बकीय क्षेत्र बनता हैWork piece का ये चुम्बकीय क्षेत्र, coil पर और इसके चुम्बकीय क्षेत्र पर अपना प्रभाव डालता है। जिसे Mutual Induction कहा जाता है

अगर work piece में कोई defect है या इसकी मोटाई समरूप नहीं है तो work piece में पैदा होने वाले eddy करंट और इस के चुम्बकीय क्षेत्र में भी बदलाब आते हैं। Work piece के eddy करंट और चुम्बकीय क्षेत्र में आने वाला बदलाव, probe की coil के electrical impedance में, coil के इलेक्ट्रान की गति को प्रभावित कर , बदलाव लाता है
इसप्रकार electrical impedance में होते हुए बदलाव को देखकर प्रशिक्षित ऑपरेटर , work piece के दोष का पता लगता है ऑपरेटर , eddy current testing machine के डिस्प्ले पर electrical impedance के amplitude और phase angle को मॉनिटर करता है

 
 Eddy current testing मुख्यता इन कारकों पर निर्भर करती है
1.       Test object conductivity:- ज्यादा conductivity वाले मटेरियल में eddy current , surface defects के लिए बहुत संवेदनशील होगा परन्तु मटेरियल के आंतरिक भाग में प्रवेश करने की इस की क्षमता कम हो जाएगी
2.       Magnetic permeability (test object material): magnetic permeability में ज्यादा बदलाव, ज्यादा शोर पैसा करता है। जिससे resolution कम हो जाता है
3.       Frequency (Coil  का AC करंट):- ज्यादा फ्रीक्वेंसी का करंट surface defects का resolution तो बढ़ा देता है परन्तु work piece के आन्तरिक भाग में ये कम दूरी तक प्रवेश करता है। कम फ्रीक्वेंसी का करंट आंतरिक भाग में दूर तक जाएगा, परन्तु सतही resolution कम हो जायेगा
4.       Probe coil की बनावट :- बड़ी coil , बड़े क्षेत्र को चेक करती है। छोटी coil , छोटे फाल्ट के लिए ज्यादा sensitive होती है
 
 
उपरोक्त दिए गये कारको में work piece की conductivity  और magnetic permeability को ऑपरेटर कण्ट्रोल नहीं कर सकता है। ऑपरेटर फ्रीक्वेंसी को अपने हिसाब से सेट कर सकता है और probe coil को अपनी जरूत के हिसाब से सेट कर सकता हैprobe coil को अपने अनुसार बदल कर, ऑपरेटर अच्छा resolution प्राप्त कर सकता है तथा multiple frequency का इस्तेमाल कर के अच्छे रिजल्ट प्राप्त कर सकता है

 

Applications:
(a)    Weld inspection
(b)   Bolt hole inspection
(c)    Conductivity inspection
(d)   Corrosion detection
(e)   Tubing inspection
Heat Exchanger और boiler parts की पतली मेटल की टयूबें जो विद्युत की चालक होती हैं का निरिक्षण eddy current testing के द्वारा ही किया जाता हैprobe को इन टयूबों के अन्दर डाल कर ये पता लगा सकते हैं कि अन्दर की तरफ क्रैक या जंग तो नहीं है 

 

Advantages:
(a)    Probe को टेस्ट ऑब्जेक्ट से छूने की जरुरत नहीं है
(b)   UT की तरह किसी couplant की जरूरत नहीं पड़ती है
(c)    गर्म टेस्ट ऑब्जेक्ट की इंस्पेक्शन भी की जा सकता है
(d)   किसी भी magnetic  और non magnetic  मटेरियल का निरीक्षण किया जा सकता है जो विद्युत का सुचालक हो
(e)   ET को आसानी से automated किया जा सकता है
 
Disadvantages:
(a)    Eddy Current testing के लिए बहुत ही प्रक्षिशित कामगारों की आवश्यकता होती है
(b)   इस के लिए special probes और तकनीक की जरुरत होती है
(c)    इससे केवल विद्युत के सुचालक मटेरियल की टेस्टिंग की जा सकती है।
(d)   ज्यादा से ज्यादा 4.76mm तक की मोटाई का निरिक्षण किया जा सकता है
(e)   Magnetic  और electrical conductive धूल के कण टेस्ट ऑब्जेक्ट पर नही होने चाहिए