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विजुअल टेस्टिंग (VT) – एक महत्वपूर्ण NDT तकनीक

 

विजुअल टेस्टिंग (VT) – एक महत्वपूर्ण NDT तकनीक

1. विजुअल टेस्टिंग (Visual Testing) क्या है?

विजुअल टेस्टिंग (VT) एक नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग (NDT) तकनीक है, जिसमें किसी भी सामग्री या वेल्ड की सतह पर मौजूद दोषों (defects) का निरीक्षण आँखों से किया जाता है। यह सबसे पुरानी, सरल और लागत प्रभावी निरीक्षण विधि है, जिसका उपयोग औद्योगिक और निर्माण क्षेत्रों में किया जाता है।


2. विजुअल टेस्टिंग के लिए आवश्यक उपकरण

विजुअल निरीक्षण के लिए विभिन्न उपकरणों का उपयोग किया जाता है:

a)    आँखों द्वारा निरीक्षणप्रशिक्षित निरीक्षक अपनी आँखों से सतह की जाँच करते हैं।

b)    मैग्नीफाइंग ग्लास (Magnifying Glass)छोटे दोषों को बड़ा करके देखने के लिए।

c)    बोरस्कोप (Borescope) और फाइबरस्कोप (Fiberscope)संकरी जगहों में निरीक्षण के लिए।

d)    फ्लैशलाइट या LED लाइटउचित रोशनी के लिए।

e)    मिरर (Mirror) और कैमराछुपे हुए क्षेत्रों को देखने के लिए।

f)     रूलर (Ruler), वर्नियर कैलिपर (Vernier Caliper) और गेज (Gauge)दोष के आकार को मापने के लिए।


3. विजुअल टेस्टिंग करने की प्रक्रिया

विजुअल टेस्टिंग को प्रभावी ढंग से करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है:

a)    सतह की सफाईकिसी भी गंदगी, ग्रीस, पेंट या जंग को हटाया जाता है ताकि सतह स्पष्ट रूप से देखी जा सके।

b)    प्रकाश की व्यवस्थाउपयुक्त रोशनी का प्रबंध किया जाता है ताकि सतह के सभी भाग स्पष्ट रूप से दिख सकें।

c)    निरीक्षण (Inspection)दोषों की पहचान के लिए सतह की जांच की जाती है।

d)    मापन (Measurement)दोषों की गहराई, लंबाई और चौड़ाई मापी जाती है।

e)    रिकॉर्डिंग और रिपोर्टिंगनिरीक्षण के परिणामों को रिकॉर्ड किया जाता है और उपयुक्त सुधारात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जाती है।


4. विजुअल टेस्टिंग में पहचाने जाने वाले प्रमुख दोष

विजुअल परीक्षण द्वारा निम्नलिखित सतही दोषों की पहचान की जाती है:

a)    क्रैक (Cracks)सामग्री या वेल्डिंग में दरारें।

b)    पिटिंग (Pitting)छोटे-छोटे गड्ढे जो जंग के कारण बनते हैं।

c)    अनुचित संरेखण (Misalignment)वेल्डिंग या फिटिंग का गलत संरेखण।

d)    अंडरकट (Undercut)वेल्ड के किनारों पर धातु की कमी।

e)    ओवरलैप (Overlap)वेल्ड की अतिरिक्त सामग्री जो सतह पर फैल जाती है।

f)     जंग (Corrosion)सतह पर ऑक्सीकरण या जंग लगना।

g)    पोरोसिटी (Porosity)वेल्ड में गैस के कारण बने छोटे छिद्र।


5. विजुअल टेस्टिंग के फायदे

सरल और किफायतीअन्य NDT विधियों की तुलना में सबसे सस्ती और आसान प्रक्रिया।
त्वरित परिणामतुरंत दोषों की पहचान की जा सकती है।
कोई जटिल उपकरण आवश्यक नहींकेवल आँखों और सामान्य उपकरणों से निरीक्षण किया जा सकता है।
विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगीवेल्डिंग, निर्माण, पाइपलाइन, एयरोस्पेस और ऑटोमोबाइल उद्योग में व्यापक रूप से प्रयुक्त।


6. विजुअल टेस्टिंग की सीमाएँ

सतही दोषों तक सीमितकेवल बाहरी दोषों का पता लगाया जा सकता है, आंतरिक दोषों के लिए अन्य NDT तकनीकों की आवश्यकता होती है।
मानवीय त्रुटि की संभावनानिरीक्षक की दक्षता पर निर्भर करता है, जिससे कभी-कभी छोटे दोष छूट सकते हैं।
सटीकता सीमितमापने के लिए उन्नत उपकरणों की आवश्यकता पड़ सकती है।


7. निष्कर्ष

विजुअल टेस्टिंग (VT) एक प्राथमिक और अनिवार्य NDT तकनीक है, जिसका उपयोग किसी भी सामग्री, वेल्ड, या संरचना में सतही दोषों की शीघ्र पहचान के लिए किया जाता है। हालांकि यह केवल बाहरी दोषों का पता लगाने में सक्षम है, फिर भी इसकी सरलता, कम लागत और तेज़ी के कारण इसका उपयोग उद्योगों में बड़े पैमाने पर किया जाता है। अधिक सटीकता के लिए अन्य NDT तकनीकों (जैसे UT, RT, MT, PT) के साथ इसका संयोजन किया जा सकता है।