1. MIG वेल्डिंग क्या होती है?
MIG वेल्डिंग का पूरा नाम है Metal Inert Gas Welding। इस वेल्डिंग को अन्य नाम GMAW (Gas Metal Arc Welding) वेल्डिंग से भी जाना जाता है। MIG वेल्डिंग में Inert गैस शिल्डिंग के लिए यूज़ की जाती है। हीलियम और आर्गन Inert गैसें होती हैं और MIG वेल्डिंग में यही गैसें शिल्डिंग का काम करती हैं। अगर Inert गैस के स्थान पर Co2 गैस का इस्तेमाल करें तो इसे MAG (Metal Active Gas) वेल्डिंग कहते हैं।
2. History:
1940 के दशक में इस वेल्डिंग प्रोसेस का अविष्कार किया गया था। स्टील और एलुमिनियम की वेल्डिंग के लिए एक ऐसे वेल्डिंग प्रोसेस की जरूरत थी जिससे तेजी से वेल्डिंग की जा सके। मतलब एक ऐसे वेल्डिंग प्रोसेस की जरूरत थी जिसका production rate ज्यादा हो। शुरुवाती दिनों में तो MIG वेल्डिंग में Inert गैस का ही यूज़ किया जाता था परन्तु बाद में दूसरी शिल्डिंग गैसों का उपयोग करके बहुत सारी धातुओं और मिश्र-धातुओं को वेल्ड किया जाने लगा। जब Co2 गैस का इस्तेमाल शिल्डिंग के लिए किया जाने लगा तो इस प्रोसेस को MAG (Metal Active Gas) वेल्डिंग प्रोसेस कहा जाने लगा। अतः MIG और MAG वेल्डिंग दोनों ही GMAW( Gas Metal Arc Welding) वेल्डिंग के ही पार्ट हैं। बस शिल्डिंग गैस भिन्न-भिन्न होने से,दोनों को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है।
3. MIG वेल्डिंग कैसे काम करती है?
मिग वेल्डिंग में इलेक्ट्रोड रोड (जैसा की हम SMAW वेल्डिंग में देखते हैं) के स्थान पर समान्यता 0.8mm से 2.0mm व्यास वाली एक consumable wire का इस्तेमाल किया जाता है यह वायर गोल बंडल में लिपटी हुई होती है। इस वायर को MIG Welding की Gun के द्वारा वेल्डिंग करने के लिए कण्ट्रोल किया जाता है। यह वेल्डिंग Gun खास किस्म की होती है। यह वेल्डिंग के दौरान शिल्डिंग गैस उपलब्ध करवाती है। इस वेल्डिंग Gun में एक Contact Tip होती है जो वायर को इलेक्ट्रिकल करंट देती है। Contact tip , शिल्डिंग नोजल के अन्दर की तरफ होती है।
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MIG Welding Set-up (Semi-Automatic) |
Consumable wire (filler wire) और work piece के बीच में आर्क के द्वारा गर्मी पैदा होती है जो wire और work piece को पिघला देती है । पिघलने के बाद consumable wire वेल्डिंग के जॉइंट में जमा हो जाती है और वेल्ड का निर्माण करती है। वेल्डिंग की गन में से निकलने वाली शिल्डिंग गैस पिघले हुए मेटल को वातावरण की गैसों के प्रभाव से बचाने के लिए सुरक्षा आवरण वनाती है।
यह प्रोसेस अत्यधिक रूप
से Semi Automatic Process के रूप में यूज़ होता है। परन्तु इस प्रोसेस
की खासियत यह है कि इसे Automatic और रोबोटिक दोनों
प्रकार की वेल्डिंग में भी बड़ी आसानी से यूज़ किया जाता है। अतः यह
वेल्डिंग दो प्रकार की होती है।
· Semi Automatic Welding
· Automatic Welding और रोबोटिक वेल्डिंग
4. GMAW (MIG) वेल्डिंग में इस्तेमाल होने वाले उपकरण
· पॉवर सोर्स
· वायर फीडर
· वेल्डिंग गन ( cable और Liner के साथ)
· शिल्डिंग गैस
· शिल्डिंग गैस Nozzle
· Contact Tip
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पॉवर सोर्स : इस वेल्डिंग में स्थिर वोल्टेज (Constant Voltage Type) वाला पॉवर सोर्स इस्तेमाल किया जाता है।
वायर फीडर:
इससे वायर को
वेल्डिंग गन में धकलते हैं। वायर फीडिंग की स्पीड
समान्यता 2-20
meter/minute होती है। वायर फीडर में वायर को कण्ट्रोल करने के
लिए आटोमेटिक सिस्टम के साथ rollers होते हैं जो वायर को आगे की और धकेलते हैं।
वेल्डिंग गन, Cable
और Liner के साथ: वेल्डिंग गुण का
चुनाव इन बातों को ध्यान में रख कर किया जाता है;-
· वेल्डिंग आटोमेटिक है या सेमी-आटोमेटिक।
· वेल्डिंग के लिए कितना करंट चाहिए।
· एयर कूल गन यूज़ करनी है या वाटर कूल।
· कौन सी शिल्डिंग गैस इस्तेमाल करनी है।
· गन का Duty Cycle कितना है।
MIG Welding Gun |
शिल्डिंग गैस Nozzle:
Nozzle का साइज़ इस बात पर निर्भर करता है कि consumable इलेक्ट्रोड का ब्यास क्या है और शिल्डिंग
गैस का प्रवाह कितना है।
Contact
Tip: कांटेक्ट टिप का साइज़, consumable wire के साइज़ से
निर्धारित होता है। consumable wire को इलेक्ट्रिकल करंट, कांटेक्ट टिप के
द्वारा ही दिया जाता है। कांटेक्ट टिप की सिलेक्शन इस बात पर निर्भर
करती है कि कौन सा मटेरियल वेल्ड किया जाना है और इस की बात पर की heavy वेल्डिंग की जानी
है या फिर light वेल्डिंग। यह नोजल के अन्दर होती है और कभी भी यह
नोजल से बाहर निकली हुई नहीं होनी चाहिए।
शिल्डिंग
गैस: वेल्डिंग की गन में से निकलने वाली शिल्डिंग
गैस पिघले हुए मेटल को वातावरण की गैसों के प्रभाव से बचाने के लिए सुरक्षा आवरण
वनाती है। शिल्डिंग गैसें इस प्रकार की होती हैं।
· Inert Gas (MIG Welding) (हीलियम और आर्गन गैस)
· Active Gas (MAG Welding) (Co2 गैस , आर्गन और ऑक्सीजन का मिश्रण , आर्गन, ऑक्सीजन और Co2 गैस का मिश्रण)
विभिन्न धातुओं को वेल्ड करने के लिए यूज़ होते वाली गैसें इस प्रकार हैं।
स्टील :
· CO2
· Argon +2 To 5% Oxygen
· Argon +5 To 25% Co2
Non-ferrous (एल्युमीनियम, कॉपर
और निकल मिश्र-धातुएं ):
· Argon
· Argon / Helium
5. Metal Transfer In GMAW
GMAW वेल्डिंग में पिघला हुआ मेटल मुख्यता चार
तरीकों से weld pool में Transfer होता है।
· Short Circuiting (dip transfer)
· Globular Transfer
· Axial spray Transfer
· Pulsed spray Transfer
MIG Welding Metal Transfer Mode |
6. Advantages
·
MIG वेल्डिंग का सबसे खास फ़ायदा यह है कि इससे अच्छी
क्वालिटी का वेल्ड जॉइंट, SMAW
और TIG वेल्डिंग से कहीं
ज्यादा तेजी के साथ वेल्ड किया जा सकता है। MIG वेल्डिंग का
प्रोडक्शन रेट और deposition
rate बहुत ही
अच्छा है।
·
बहुत सारे ferrous और non ferrous धातुओं और
मिश्र- धातुओं को MIG वेल्डिंग के द्वारा वेल्ड किया जा सकता है।
·
MIG
वेल्डिंग में किसी भी प्रकार का flux यूज़ नहीं किया
जाता है। इस कारण वेल्ड मेटल में कोई भी स्लैग नहीं फसता है।
·
यह वेल्डिंग process
आटोमेटिक ,सेमी-आटोमेटिक और हाई स्पीड रोबोट वेल्डिंग के लिए बिलकुल
उपयुक्त है।
·
इस वेल्डिंग में SMAW वेल्डिंग से कम
धुआं पैदा होता है।
·
इस वेल्डिंग में consumable wire का spool यूज़ होता है। इस कारण अन्य वेल्डिंग के मुकाबले इलेक्ट्रोड
की efficiency 93 से 98 प्रतिशत होती है।
7. Disadvantages
· SMAW वेल्डिंग से ज्यादा वेल्डिंग उपकरणों की आवश्यकता है।
· वेल्डिंग उपकरण SMAW वेल्डिंग से ज्यादा महंगे हैं
प्लाज्मा आर्क (Plasma Arc) वेल्डिंग क्या है ?
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PLASMA ARC WELDING |