1. Arc और गैस वेल्डर को tank, boiler के कंपार्टमेंट और संकरे, सीमित स्थानों में जहां तक हो सके एक साथ multiple काम करने से बचना चाहिए।
2.
गैस सिलेंडर को सीमित और संकरे स्थानों से
बाहर रखना चाहिए ताकि कोई गैस
अंदर लीक ना हो और न ही ज्वलनशील fumes बनें।
3.
SMAW वेल्डिंग के लिए
Low- Toxic Rutile इलेक्ट्रोड्स का इस्तेमाल करना
चाहिए।
4.
इस तरह
की परिस्थिति में वेल्डर पर
लगातार नजर रखने के लिए
एक सहायक साथ होना
चाहिए। जो कोई विषम
परिस्थितियां पैदा होने पर वेल्डर की सहायता कर
सकें।
5.
वेल्डिंग के Power
Source को कन्फाइंड स्पेस से
बाहर होना चाहिए और इलेक्ट्रिक लाइट
आदि के लिए Low वोल्टेज जैसेकि
12V और 110V आदि lights
का प्रयोग
करना चाहिए।
6.
हमारे
वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा 21%
(आयतन के अनुसार) होती
है। अगर यह 19 .5 % से
कम होना
शुरू हो जाती है तो वेल्डर बेहोशी की हालत में जा सकता है। अगर यह एकदम इससे
भी कम हो जाती है तो वेल्डर बेहोश
हो जायेगा।
ऐसे में दम घुटने की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। ऑक्सीजन का कम होने के कारण वेल्डिंग के धुंए का या फिर शिल्डिंग गैस का संकरे स्थान में ज्यादा
घना हो जाना भी है। अतः इस बात का ध्यान रखना अत्यंत
आवश्यक है कि ऐसे स्थानों में ऑक्सीजन का आयतन 19.5%
से कम नहीं होना
चाहिए। ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए proper वेंटिलेशन
की जरूरत
होती है।
7.
अगर ऑक्सीजन की मात्रा 23.5%
से ज्यादा
हो जाती
है तो ऑक्सीजन युक्त
वातावरण एकदम चिंगारी
मिलने से धमाके की तरह जलने
लगेगा। 21%
ऑक्सीजन में चीजें आग में साधारण
परिस्थितियों की तरह जलती
हैं परंतु
ज्यादा ऑक्सीजन
होने पर यह उग्र रूप में जलती हैं।।
अतः इस बात का ध्यान रखना अत्यंत
आवश्यक है कि ऐसे स्थानों में ऑक्सीजन की leakage न हो।
8.
जब आप किसी संकरी जगह पर होते हैं तो भारी गैस या फिर हल्की
गैस हमारा
सांस रोक सकती हैं।
भारी गैस टैंक में नीचे की तरफ बैठ जाती हैं और हल्की ऊपर की तरफ उठ जाती हैं अतः बंद स्थान में जाने से पहले जहरीली
और ज्वलनशील
गैसों की टेस्टिंग करके
ही जाना
चाहिए। भारी
गैसों का उदाहरण हैं आर्गन और कार्बन
डाइऑक्साइड। हल्की
गैसों के उदाहरण हैं हीलियम तथा हाइड्रोजन। प्रॉपर
वेंटिलेशन और सांस लेने
वाले उपकरण
लेकर की ऐसी परिस्थितियों
में वेल्डर
को जाना
चाहिए।