DROPDOWN MENU

OXY-ACETYLENE WELDING QUIZ

1. The maximum obtainable flame temperature of oxy-acetylene welding is




... Answer is (d)

3480 degree C




2. The temperature produced in inner luminous cone ( neutral flame) of oxy-acetylene welding is




... Answer is (d)

3150 degree C




3. The temperature produced in outer cone (neutral flame) of oxy-acetylene welding is




... Answer is (a)

1250 degree C




4. In oxy-acetylene welding a neutral flame is obtained by supplying




... Answer is (a)

equal volume of oxygen and acetylene




5. In oxy-acetylene welding a oxidizing flame is obtained by supplying




... Answer is (b)

excess volume of oxygen over acetylene




6. In oxy-acetylene welding a carburizing or reducing flame is obtained by supplying




... Answer is (c)

excess volume of acetylene over oxygen




7. The neutral flame is more often used for the welding of




... Answer is (a)

low carbon steel ,cast steel, cast iron etc




8. The oxidizing flame is more often used for the welding of




... Answer is (b)

Manganese steel, brass and bronze etc




9. The carburizing or reducing flame is more often used for the welding of




... Answer is (c)

Aluminium and nickel etc




TIG वेल्डिंग प्रश्न-उत्तर -GTAW (TIG) Welding Question & Answer

 

TIG वेल्डिंग  प्रश्न-उत्तर

 

1.               कौन से वेल्डिंग प्रोसेस में non consumable इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल होता है

(a)     MIG वेल्डिंग

(b)     TIG वेल्डिंग

(c)     SAW वेल्डिंग

(d)     Plasma वेल्डिंग

 

Ans:  (b) TIG वेल्डिंग

 

2.               TIG वेल्डिंग में इस्तेमाल होने वाली गैसों का नाम है

(a)    Hydrogen and Oxygen

(b)    Argon & Helium

(c)     CO2 and Oxygen

(d)    Plasma वेल्डिंग

 

Ans:  (b) Argon & Helium

 

3.               एल्युमीनियम की वेल्डिंग के लिए TIG वेल्डिंग में alternate Current (AC) का इस्तेमाल होता है।

 

4.               Manual TIG वेल्डिंग में टन्गस्टन इलेक्ट्रोड की नोक को किस एंगल पर ग्राइंड करते हैं

       Ans: 600C to 900C

5.                TIG वेल्डिंग में किस तरह का पॉवर सोर्स इस्तेमाल होता है

       Ans: स्थिर करंट वाला पॉवर सोर्स (DC या AC )

 

6.                TIG वेल्डिंग आर्क स्टार्ट करने की तकनीक क्या है

      Ans:  इलेक्ट्रोड को रगड़ कर short circuit कर के या फिर HF (हाई फ्रीक्वेंसी सोर्स) source ूज़ कर के

 

7.                TIG वेल्डिंग में किस मटेरियल का इलेक्ट्रोड इस्तेमाल होता है

Ans: DC वेल्डिंग में आमतौर पर आर्क की शुरुआत आसानी से करने के लिए

      pure टंगस्टन + 1 से 3% thorium इलेक्ट्रोड इस्तेमाल करते हैं

 

AC वेल्डिंग में इलेक्ट्रोड का ज्यादा तापमान झेलना पड़ता है इसलिए आमतौर पर इलेक्ट्रोड का अपक्षरण (कटाव) रोकने के pure टंगस्टन + 0.15 से 0.40% zirconium इलेक्ट्रोड इस्तेमाल करते हैं

 

8.                TIG वेल्डिंग के इलेक्ट्रोड को कलर कोडिंग से कैसे पहचानें

       Ans:

नाम

मिश्र धातु

रंग

EWP

शुद्ध टंगस्टन

हरा

EWTh1

pure टंगस्टन + 0.8 से 1.2% thorium

पीला

EWTh2

pure टंगस्टन + 1.7 से 2.2% thorium

लाल

EWZr

pure टंगस्टन + 0.15 से 0.40% zirconium

भूरा

 

9.           TIG वेल्डिंग में अगर टंगस्टन इलेक्ट्रोड टूट कर वेल्ड मेटल में चला जाता है तो उसे कौन सा वेल्ड डिफेक्ट कहा जाता है

       Ans: Tungsten Inclusion

 

10.         TIG वेल्डिंग में इलेक्ट्रोड को पॉवर सोर्स के किस terminal (पॉजिटिव या नेगेटिव) से जोड़ा जाता है

 Ans:  जरूरत के हिसाब से किसी भी टर्मिनल से जोड़ सकते हैं। समान्यता इस्तेमाल होने वाली वेल्डिंग Polarity यह है

Material

 

Current / Polarity

Aluminium Alloys

AC Current ,DCEN

Copper Alloys

DC EN (Straight polarity)

Magnesium Alloys

DC EP (reverse polarity)








प्लाज्मा आर्क (Plasma Arc) वेल्डिंग क्या है ?

 

     प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग को जानने से पहले ये जानना जरुरी है की प्लाज्मा क्या है? Ionized गैस को प्लाज्मा कहा जाता है। गैस को ionize करने के लिए इसमें से इलेक्ट्रिक करंट प्रवाहित करते हैं। जिससे गैस ionized हो जाती है। ionized होने से गैस के अणु (molecules) टूट कर परमाणुओं (atoms) में विभक्त हो जाते हैं और फिर परमाणु टूट कर ion और इलेक्ट्रान बन जाते हैं। इसी ionized गैस को प्लाज्मा कहा जाता है। आर्क प्लाज्मा किसी गैस की अस्थाई स्थिति है और जब ये ionized हो जाती है यह विद्युत की conductor बन जाती है।

Plasma Arc Welding

     TIG welding की तरह प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग में आर्क पैदा करने के लिए tungsten इलेक्ट्रोड ही इस्तेमाल होता है। दोनों, TIG वेल्डिंग और प्लाज्मा वेल्डिंग में एक ही तरह के पॉवर सोर्स यूज़ होते हैं। परन्तु ध्यान से देखने पर पता चलता है कि दोनों ही process में वेल्डिंग की torch अलग अलग हैं। प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग में tungsten इलेक्ट्रोड और work piece या copper orifice के मध्य आर्क पैदा की जाती है और गैस को ionized करके प्लाज्मा की धारा उत्पन्न करते हैं। प्लाज्मा की उच्च तापमान वाली यह तीव्र धारा नोजल के तंग रास्ते से निकल कर work piece पर प्रहार करती है और यही वेल्डिंग के लिए इस्तेमाल की जाती है।

प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग दो प्रकार की होती है।

1.   Transferred आर्क वेल्डिंग

2.   Non transferred आर्क वेल्डिंग


Transferred Arc Vs Non Transferred Arc Welding

जब आर्क tungsten इलेक्ट्रोड और work piece के मध्य में पैदा की गई हो, तो इसे Transferred आर्क प्लाज्मा वेल्डिंग कहा जाता है।  अगर आर्क tungsten इलेक्ट्रोड और copper नोजल(orifice) के मध्य में पैदा की गई है। तो इसे Non Transferred आर्क प्लाज्मा वेल्डिंग कहा जाता है ।प्लाज्मा वेल्डिंग का इलेक्ट्रोड, tungsten+2% thorium मटेरियल का बना होता है और प्लाज्मा नोजल, कॉपर की बनी हुई होती है। इस कॉपर की नोजल को पानी के circulation से ठंडा रखा जाता है। इस कॉपर नोजल का diameter वेल्डिंग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण variable है।              

 PAW में दो अलग प्रकार की गैसों का यूज़ होता है। एक प्लाज्मा गैस, दूसरा shielding गैस। जबकी TIG वेल्डिंग में सिर्फ shielding gas यूज़ होती है। प्लाज्मा वेल्डिंग में प्लाज्मा गैस आर्गन होती है और shielding गैस आर्गन और आर्गन-हाइड्रोजन का मिश्रण या फिर कॉपर वेल्डिंग के लिए हीलियम-आर्गन का मिश्रण होती है।

      TIG वेल्डिंग और प्लाज्मा वेल्डिंग में एक जैसे पॉवर सोर्स होते हैं परन्तु प्लाज्मा को कण्ट्रोल करने के लिए और प्लाज्मा गैस के लिए कुछ अलग part भी प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग में होते हैं।

      प्लाज्मा आर्क का अधिकतम तापमान 280000C या इससे अधिक हो सकता है। परन्तु वेल्डिंग के लिए इसे 200000C तक ही प्रतिबंधित करते हैं। उच्च तापमान वाली प्लाज्मा जब work piece से टकराती है तो प्लाज्मा के इलेक्ट्रान और ion फिर से इकठ्ठा हो कर परमाणु (Atoms) और फिर परमाणु से अणु (molecular) गैस बनाते हैं जिससे बहुत सारी Heat पैदा होती है जो वेल्डिंग के काम में ली जाती है।

 

Transferred Arc और Non Transferred आर्क प्लाज्मा वेल्डिंग

Transferred arc वेल्डिंग का उपयोग conductive मटेरियल की वेल्डिंग के लिए किया जाता है। जब की non-conductive मटेरियल की वेल्डिंग के लिए non transferred आर्क का उपयोग किया जाता है। transferred arc वेल्डिंग में हीट की एकाग्रता work piece पर ज्यादा होती है। जहाँ पर work piece पर हीट के concentration की कम जरुरत है वहां Non Transferred आर्क यूज़ होती है।


प्लाज्मा वेल्डिंग के उपकरण:

1.   पावर सोर्स (power source) (DC Power Supply )

2.   वेल्डिंग टार्च (Welding Torch)

3.   High frequency (HF) Generator

4.   Welding Control Console

5.   Shielding गैस और प्लाज्मा गैस सिलिंडर, Gas Regulator

6.   Coolant Circulator-Close Loop

 

Plasma Arc Welding Set-up

प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग में वेल्डर समान्यता तीन तरह से करंट सेटिंग कर सकते हैं। इन तीनों करंट सेटिंग में हमें करंट सेटिंग करने के साथ-साथ नोजल का साइज़ बदलना पड़ता है तथा गैस का फ्लो रेट adjust करना पड़ता है।

यह तीन प्रकार के प्लाज्मा गैस को ऑपरेट करने वाले मोड इस प्रकार हैं।

1.   Micro plasma ( सूक्षम प्लाज्मा)

2.   Medium Plasma  (मध्यम प्लाज्मा )

3.   Key Hole plasma ( कीहोल प्लाज्मा)


Micro plasma ( सूक्षम प्लाज्मा)

इस प्लाज्मा प्रोसेस में वेल्डिंग करंट 0.1A  से 15A के मध्य रखा जाता है। इस प्लाज्मा प्रोसेस की खासियत ये है कि 1mm से कम मोटाई के मेटल भी आसानी से वेल्ड किये जा सकते हैं। यह Micro TIG वेल्डिंग की तरह का ही प्रोसेस है। इस में low welding current होने के बाबजूद आर्क micro TIG वेल्डिंग से ज्यादा स्थिर रहती है और एक columnar pencil type beam बनाती है जो बहुत पतली मेटल की शीट्स को भी वेल्डिंग करने में सहायक होती है। इस प्रोसेस  में columnar beam होने से micro TIG वेल्डिंग से ज्यादा लम्बी आर्क length  भी वेल्डर को मिलती है।


Medium Plasma  (मध्यम प्लाज्मा )-Melt in Mode भी कहा जाता है

इस प्लाज्मा प्रोसेस में वेल्डिंग करंट 15A  से 200A के मध्य रखा जाता है। यह परंपरागत TIG वेल्डिंग की तरह का ही वेल्डिंग प्रोसेस है। यह precision वेल्डिंग और उच्च क्वालिटी के वेल्ड बनाने के लिए उपुक्त वेल्डिंग प्रोसेस है


Key Hole plasma ( कीहोल प्लाज्मा)

इस प्लाज्मा प्रोसेस में वेल्डिंग करंट 15A  से 200A के मध्य रखा जाता है प्लाज्मा गैस के प्रवाह में वृद्धि कर दी जाती है जिससे बहुत ही शक्तिशाली प्लाज्मा बीम बनता है,जैसा कि लेजर बीम वेल्डिंग में होता है। इस प्लाज्मा बीम से वेल्डिंग के दौरानएक Key hole का निर्माण होता हैkey hole प्लाज्मा में शक्तिशाली प्लाज्मा बीमWeld joint को पिघलाकर उस के आर-पार हो जाता है और वेल्डिंग टोर्च को वेल्डिंग की दिशा में चलाते हुए वेल्ड करते हैं। Key hole वेल्डिंग में होल वेल्डिंग की दिशा में रहता है और key hole के पीछे पिघले हुए मेटल की surface tension से वेल्ड बीड का निर्माण होता है इस प्रक्रिया का उपयोग करके स्टेनलेस स्टील की 10mm  तक के वेल्ड single pass  में निर्मित किये जा सकते हैं।

 

Advantage

1.   ज्यादातर धातुओं को काटने की क्षमता रखती है।

2.   यह ARC के बेहतर नियंत्रण की अनुमति देता है। आर्क की लेंग्थ के कम या ज्यादा होने का इस वेल्डिंग में ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है।

3.   उच्च गर्मी उत्पादन के कारण और प्लाज्मा जेट तेजी से वेल्डिंग की गति प्रदान करता है।

4.   हीट प्रभावित क्षेत्र GTAW के समान ही बनता है।

5.   शक्ति शाली प्लाज्मा बीम से, key hole तकनीक से वेल्डिंग  करके एक ही पास में भी मटेरियल को वेल्ड किया जा सकता है।

6.   यह ऑक्सी-ईंधन वेल्डिंग की तुलना में तेजी से धातुओं को काट सकता है

7.   PAW वेल्डिंग को स्वचालित करना आसान है

8.   यह संकरी Kerf को छोड़ता है

 

Disadvantage

1.   तीव्र आर्क होने से इस वेल्डिंग में ultraviolet और infrared विकरण पैदा होते हैं जो skin को खराब कर सकते हैं।

2.   इस वेल्डिंग में शोर बहुत होता है जो हमारे कानों की सुरक्षित सुनने की limit (80db)  से ज्यादा होता है।

3.   सिर्फ 25mm thickness तक के वेल्ड जॉइंट्स को अच्छे से वेल्ड किया जा सकता है

4.   इस वेल्डिंग के उपकरण TIG वेल्डिंग से भी महंगे आते हैं क्यों कि कुछ अतिरिक्त उपकरण भी इस वेल्डिंग में यूज़ होते हैं जैसे कि प्लाज्मा गैस के उपकरण और प्लाज्मा गैस को कण्ट्रोल करने के उपकरण।

5.   जटिल उपकरणों के इस्तेमाल  होने के कारण प्लाज्मा वेल्डिंग के लिए high skill के वेल्डर की जरुरत होती है।

6.   प्लाज्मा वेल्डिंग की टोर्च TIG वेल्डिंग टौर्च से बड़ी और भरी होती है।

 

 

प्लाज्मा वेल्डिंग का आर्टिकल पढने के बाद आप के मन में ये प्रश्न आ रहे होंगे

 

प्रश्न 1. प्लाज्मा वेल्डिंग से कौन-कौन से मटेरियल वेल्ड किये जाते हैं?

उत्तर.   प्लाज्मा वेल्डिंग से ज्यादातर electrically conductive materials वेल्ड किये जाते हैं। समान्यता स्टेनलेस स्टील , एल्युमीनियम ; कॉपर और निकल alloys ; refractory और कीमती मैटेरियल्स वेल्ड किये जाते हैंCast iron, magnesium, lead or zinc alloys प्लाज्मा वेल्डिंग से वेल्ड नहीं किये जाते हैं

 

प्रश्न 2. प्लाज्मा वेल्डिंग में कौन से modes of operation से मटेरियल वेल्ड किये जाते हैं?

उत्तर.  प्लाज्मा आर्क वेल्डिंग में वेल्डर समान्यता तीन तरह से करंट सेटिंग कर सकते हैं। इन तीनों करंट सेटिंग में हमें करंट सेटिंग करने के साथ-साथ नोजल का साइज़ बदलना पड़ता है तथा गैस का फ्लो रेट adjust करना पड़ता है।

यह तीन प्रकार के प्लाज्मा गैस को ऑपरेट करने वाले मोड इस प्रकार हैं।

1.   Micro plasma ( सूक्षम प्लाज्मा)- 0.1A  से 15 A.

2.   Medium Plasma (मध्यम प्लाज्मा )- 15A से 100A.

3.   Key Hole plasma ( कीहोल प्लाज्मा)- 100A से ज्यादा.

 

प्रश्न 3. प्लाज्मा वेल्डिंग से कौन सी प्लाज्मा गैस और Shielding गैस से मटेरियल वेल्ड किये जाते हैं?

उत्तर. प्लाज्मा गैस: आर्गन

     Shielding गैस: आर्गन और आर्गन-हाइड्रोजन (हाइड्रोजन 2 से 5 % तक) का मिश्रण copper की वेल्डिंग के लिए हीलियम आर्गन का मिश्रण भी यूज़ किया जाता है

 

प्रश्न 4. प्लाज्मा वेल्डिंग में किस साइज़ का filler rod  इस्तेमाल किया जाता है?

उत्तर.  प्लाज्मा वेल्डिंग में इस्तेमाल होने वाली filler rod  का ब्यास 1.6 और 3.2 mm होता है

 

प्रश्न 5. प्लाज्मा वेल्डिंग में किस स्पीड से वेल्डिंग कर सकते हैं?

उत्तर.  प्लाज्मा वेल्डिंग में वेल्डिंग rate 0.4 m/min  manual welding का तथा 3 m/min आटोमेटिक वेल्डिंग सिस्टम का होता है

 

प्रश्न 6. प्लाज्मा वेल्डिंग की Applications क्या हैं?

उत्तर.  Jet इंजन के parts, शीट-मेटल फैब्रिकेशन, घरेलू उपकरण, precision इंस्ट्रूमेंटेशन डिवाइस; स्टेनलेस स्टील और titanium पाइप।

 

प्रश्न 7. कितनी मोटी शीट्स प्लाज्मा वेल्डिंग से वेल्ड की जा सकती हैं?

 

उत्तर.  कम से कम शीट की मोटाई = 0.05 mm.

 

ज्यादा से ज्यादा शीट की मोटाई

एल्युमीनियम = 3 mm.

कॉपर और refractory मैटेरियल= 6 mm.

स्टील = 10 mm.

Titanium alloys = 13 mm.

निकल = 15 mm.